दिल्ली विधानसभा चुनावः पहली बार पांच मुस्लिम और आठ महिलाएं

दिल्ली की विधानसभा में पहली बार 5 मुस्लिम और 8 महिला चेहरे दिखाई देंगे। अब तक के 8 विधानसभा चुनाव में यह तादाद सबसे ज्यादा है। 2015 में बनी पिछली विधानसभा में 6 महिला और 4 मुस्लिम चेहरे थे। 


मुस्लिम चेहरों में बल्लीमारान से इमरान हुसैन, मटिया महल से शोएब इकबाल, मुस्तफाबाद से हाजी यूनुस, ओखला से अमानतुल्लाह और सीलमपुर से अब्दुल रहमान इस बार विधानसभा में दिखाई देंगे। वहीं राजकुमारी ढिल्लो, आतिशी, राखी बिड़लान, भावना गौड़, प्रमिला टोकस, धनवती चंदेला, प्रीति तोमर और वंदना कुमारी महिला विधायक होंगी।

वर्ष 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में महज 3-3 महिला प्रत्याशी विधानसभा पहुंची थीं। इस बार की 8 महिलाओं में से 4 लगातार दूसरी बार विजयी हुई हैं। इनमें राखी बिड़लान, भावना गौड़, प्रमिला टोकस और वंदना कुमारी शामिल हैं। राखी बिड़लान और वंदना कुमारी ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की थी। 

हालांकि इस बार महिला विधायकों की संख्या और ज्यादा हो सकती थी, लेकिन रोहतास नगर से आप प्रत्याशी सरिता सिंह को हार का सामना करना पड़ा। सरिता ने 2015 में कांग्रेस के चर्चित चेहरे राम बाबू शर्मा के बेटे विपिन शर्मा को हराया था।

दिल्ली के चुनाव में 672 उम्मीदवारों में से 79 महिलाएं थीं। इनमें से केवल 8 को जीत मिली। 70 महिला प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इस बार कांग्रेस की ओर से शिवानी चोपड़ा कालकाजी, पूनम आजाद संगम विहार, राधिका खेड़ा जनकपुरी, प्रियंका सिंह आरके पुरम, नीतू वर्मा मालवीय नगर, कृष्णा तीरथ  पटेल नगर, अन्वीक्षा जैन बाबरपुर, अमरलता सांगवान तिमारपुर, अलका लांबा चांदनी चौक और आकांक्षा ओला मॉडल टाउन विधानसभा से मैदान में थीं। ये सभी चुनाव हार गईं। 

भाजपा की कुसुम खत्री महरौली, सुमनलता नागलोई जाट, शिखा रॉय ग्रेटर कैलाश, किरण वैद्य त्रिलोकपुरी, लता सोढी बल्लीमारान और शालीमार बाग से रेखा गुप्ता मैदान में थीं, लेकिन सभी हार गईं। तीनों प्रमुख दलों ने इस बार 2015 के मुकाबले ज्यादा महिलाओं को टिकट दिए। महिलाओं की भागीदारी बढ़ी, लेकिन आप की आंधी में। भाजपा और कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों को निराशा ही हाथ लगी।